Sunday, October 27, 2013

गणेशजी और राक्षस

एक दिन की बात है। जब गणेश जी लडडू खा रहे थे। तब उन्हे एक राक्षस की अवाज सुनाई दी। वे उससे तुरंत य़ुध्द करने चल दिय़े।उन्होंने उससे बहुत युध्द किया । राक्षस ने अपनी शकि्त चलाई । तब गणेश जी की हल्की फुल्की ही शकि्त काम कर रही थी तब गणेश जी ने अपनी शकि्त चलाई। तुरंत राक्षस वीरगती को प्राप्त  हो गया । तब गणेश जी ने अपनी सवारी चूहा पर बैठ कर कैलाश पर्वत पर चल दिये । तब उन्होंने पुरी बात माता पिता भाई को बता दी ।